tag:blogger.com,1999:blog-2504780496929911450.post8060653577986033470..comments2020-02-15T19:54:36.726+05:30Comments on चौखंबा: मैं असद ज़ैदी का गुनहगार नहींसमरेंद्रhttp://www.blogger.com/profile/07666323462491120829noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-2504780496929911450.post-15715759615053636742008-07-16T00:11:00.000+05:302008-07-16T00:11:00.000+05:30एक आदमी जिसका नाम असद है, सत्तर के दशक से उम्दा कव...एक आदमी जिसका नाम असद है, सत्तर के दशक से उम्दा कविताएं कर रहा है. <BR/><BR/>बहुत से आदमी जिनके पास अपने कुल हासिल के नाम पर एक ईमेल आईडी भर है या सेर भर नफ़रत, उनसे कविता की बात करना व्यर्थ है. उनका बस चले तो बीसवीं सदी का सारा साहित्य आग में झोंक डालें. समरेन्द्र, आशा है आपने असद जी की कविताओं की तीनों किताबें पढ़ी होंगी. बाक़ी, निर्लज्ज और परले दर्ज़े की ढीठ टिप्पणियों से आपका मन बहलता हो ठीक है. <BR/><BR/>आशा है मेरी बात को सही परिप्रेक्ष्य में आंका जाएगा. असद ज़ैदी साहब के प्रकरण में मेरा यह अपना आख़िरी वक्तव्य है. इस पर थूकने वाले मुंह में क्विंटल भर बलगम भरे बैठे हैं तो भी आपके यहां आकर यह टिप्पणी करने की ज़ुर्रत कर रहा हूं. <BR/><BR/>अपना ख़याल करें और जम कर पढ़ें. यही समय की ज़रूरत है आप जैसे सतर्क युवाओं से.<BR/><BR/>शुभ हो!Ashok Pandehttps://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2504780496929911450.post-82201751204776395102008-07-15T18:41:00.000+05:302008-07-15T18:41:00.000+05:30सही बात कही है अनुनाद जी ने . मोहल्ले और कस्बे का ...सही बात कही है अनुनाद जी ने . मोहल्ले और कस्बे का ये पुण्य कार्य शुरू दिन से रहा है . चाहे बात भैस के दूध की हो या फ़िर जाती की या धर्म की , हर चीज मे अल्पस्ख्यक वाद या अगडे पीछदे की कहानिया ढूढना और विद्वेश वै वैमनस्ता फ़ैलाना रहा है.Arun Arorahttps://www.blogger.com/profile/14008981410776905608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2504780496929911450.post-72731225043960477872008-07-15T14:54:00.000+05:302008-07-15T14:54:00.000+05:30अनुनादजी की बात से सौ फीसदी सहमत....अविनाश जैसे जह...अनुनादजी की बात से सौ फीसदी सहमत....अविनाश जैसे जहरीले नागों का यही काम है और इसीलिए उन्होंने अपना मोहल्ला नामक ब्लाग बनाया हुआ है...कमीनेपन की इस पराकाष्ठा के लिए अविनाश को बधाई<BR/><BR/>रही बात जैदी की तो उन जैसों को शह देने का काम तो ये लाल झंडे वाले ही करते हैं....जो भारतमाता की बजाय चीन को अपनी मां मानते हैंbhuvnesh sharmahttps://www.blogger.com/profile/01870958874140680020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2504780496929911450.post-72036542546283813982008-07-15T14:46:00.000+05:302008-07-15T14:46:00.000+05:30समरेंद्र जी, आप सहमत नहीं, लेकिन मैं अनुनाद जी की ...समरेंद्र जी, <BR/>आप सहमत नहीं, लेकिन मैं अनुनाद जी की बात से सहमत हूं. ऐसे ही आरोपों ने एम एफ हुसैन को महान बना दिया. इस दौर में कई और पेंटर हुसैन से ज्यादा काबिल थे, लेकिन वो पिछड़ गए. जबकि साम्प्रदायिकता ने हुसैन को आसमान पर बिठा दिया.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/06708328842168225188noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2504780496929911450.post-61154298428857393222008-07-15T13:22:00.000+05:302008-07-15T13:22:00.000+05:30अनुनाद जी, मैं ऐसा नहीं मानता और मानने की फिलहाल क...अनुनाद जी, <BR/>मैं ऐसा नहीं मानता और मानने की फिलहाल कोई वजह नज़र नहीं आती. ये मेरा यकीन है और मैं अपने इस यकीन के साथ जीना चाहता हूं कि आप किसी को साम्प्रदायिक ठहरा कर उसे महान नहीं बना सकते. जिस किसी पर ये धब्बा एक बार लग गया वो या तो उसके साथ जीने को अभिशप्त होता है या फिर उसे वो धब्बा धोना पड़ता है.समरेंद्रhttps://www.blogger.com/profile/07666323462491120829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2504780496929911450.post-48895407979135072622008-07-15T12:59:00.000+05:302008-07-15T12:59:00.000+05:30मुझे लगता है कि अनुनाद सही कह रहे हैं. ये एक सोची ...मुझे लगता है कि अनुनाद सही कह रहे हैं. ये एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है. बड़ी साज़िश का हिस्सा.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/06708328842168225188noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2504780496929911450.post-74109409638294469492008-07-15T12:57:00.000+05:302008-07-15T12:57:00.000+05:30आपने इमानदारी से इस मुद्दे को समझने की कोशिश की है...आपने इमानदारी से इस मुद्दे को समझने की कोशिश की है, लेकिन दुर्भाग्य से आप भी भटक गये और सही चीज नहीं पकड़ पाये।<BR/><BR/>मेरी समझ ये कहती है कि यह सब कुछ एक सोची-समझी रणनीति के तहत हुआ और हो रहा है। जैदी को एक 'महान कवि' के रूप में विज्ञापित करने की परियोजना बनायी गयी है। इसकी रणनीति यह है कि पहले जैदी की कोई गाली-गलौज युक्त कविता को बाजार में कुछ लाल-बुद्धिजीवियों की मदद से उतारा जाय; कुछ विवाद पैदा किया जाय; फ़िर उस विवाद पर विवाद किया जाय ... और जैदी जी हिन्दी के 'महान कवि' के रूप में स्थापित हो गये।अनुनाद सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05634421007709892634noreply@blogger.com