Saturday, July 5, 2008

जिसका डर था वही हुआ


जिसका डर था वही हुआ। अमरनाथ के नाम पर नफ़रत का खेल शुरू हो गया। शुरुआत श्रीनगर से हुई और अब पूरे देश में हिंसा फैल रही है। फिलहाल सबसे ज़्यादा असर मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ है। वहां छह लोगों की मौत हो चुकी है और दो दिन से कर्फ़्यू जारी है। हिंसा मध्य प्रदेश के कुछ अन्य शहरों में भी हुई है और देश के कुछ अन्य राज्यों में भी। इस हिंसा के लिए दो सियासी दल जिम्मेदार हैं। कांग्रेस और बीजेपी। जम्मू कश्मीर के कांग्रेसी मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद के ग़लत फ़ैसले के कारण तनाव फैला और बीजेपी जैसी घोर सांप्रदायिक पार्टी को घटिया और घिनौनी सियासत का मौका मिला। ये दोनों ही पार्टियां सीधे तौर पर लोगों की मौत के लिए और सरकारी संपत्ति के नुकसान के लिए जिम्मेदार हैं। इन दोनों ही पार्टियों के ख़िलाफ़ राष्ट्रद्रोह और क़त्ल का मुक़दमा चलाना चाहिये। जब तक ऐसे मामलों में सियासी दलों और नेताओं के ख़िलाफ़ सामूहिक क़त्ल और देशद्रोह का मुक़दमा दायर नहीं होगा... भावनाओं को भड़का कर अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने की प्रवृति बनी रहेगी।

No comments:

custom search

Custom Search